Yama Deepam 2024 त्रयोदशी तिथि अर्थात धनतेरस और यम दीपम संपूर्ण जानकारी

Yama Deepam 2024:कार्तिक माह में आने वाले महापर्व दीपावली के दौरान त्रयोदशी तिथि अर्थात धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि के साथ मृत्यु के देवता यमराज की पूजा-अर्चना का विधान भी है। जिसमें यम देवता के लिए घर के बाहर दीया जलाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन यम देवता को दीप दान करने से घर के किसी भी सदस्य को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। यमराज देवता को समर्पित यह पर्व यम दीपम या यम दीपदान के नाम से भी जाना जाता है।

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Yama Deepam 2024: दीपदान का शुभ मुहूर्त

यम दीपम (कार्तिक त्रियोदशी/धनतेरस) –

29 अक्टूबर 2024, मंगलवार को है।

शुभ मुहूर्त:- 05:19 PM से 06:35 PM तक रहेगा

(कुल अवधि-01 घण्टा 17 मिनट)

Yama Deepam 2024:यम दीपम की पौराणिक कथा

चिरकाल में एक राजा हेम हुआ करते थे। हेम को एक पुत्र हुआ। उन्होंने योग्य ब्राह्मणों से जब पुत्र की जन्मकुंडली बनवाई, तो उसमें उस पुत्र की अकाल मृत्यु की भविष्यवाणी छपी थी। कुंडली के अनुसार विवाह के बाद चौथे दिन ही हेम राजा के पुत्र की मृत्यु हो जाएगी। जब यह समाचार राजा को मिला तो वह अत्यंत दुखी हो गए।

Yama Deepam 2024

राजा हेम ने अपने बेटे को स्त्रियों से दूर रखने का निर्णय लिया। और उन्होंने अपने पुत्र को एक ऐसी जगह भेज दिया, जहां उस पर स्त्री महिला की परछाई तक न पड़े। किन्तु भाग्य को यह मंजूर नहीं था। एक दिन वहां से एक राजकुमारी गुजरी, जहाँ वह राजकुमार रहता था। राजकुमारी और राजा हेम का पुत्र एक दूसरे पर मोहित हो गए और उन दोनों ने गंधर्व विवाह कर लिया। लेकिन भविष्यवाणी के अनुसार चौथे दिन ही राजकुमार की मृत्यु हो गई।

यमदूत जब राजकुमार के प्राण लेने आए तो राजकुमार की नवविवाहिता राजकुमारी जोर-जोर से विलाप कर रही थी। राजकुमारी की वेदना सुन एक यमदूत अत्यंत भावुक हो गया और उसने अपने स्वामी यमराज से पूछा कि महाराज क्या कोई उपाय है जिससे इस तरह अकाल मृत्यु से बचा जा सके।

इस पर यमराज ने कहा कि धनतेरस की गोधूलि बेला में यदि कोई प्राणी मेरे नाम का स्मरण करते हुए दीप प्रजल्लवित करता है तो उसे अकाल

मृत्यु की त्रासदी नहीं सहनी पड़ेगी। इसी मान्यता का अनुसरण करते हुए लोग इस दिन दीया जलाते है। जिससे प्रसन्न होकर मृत्युदेव उन्हें अकाल मृत्यु के कोप से सुरक्षित करते हैं। इस प्रकार से धनतेरस के दिन को यमदीपदान के रूप में नामित किया गया था।

शुभ दीपावली🙏🙏

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