Kurma Jayanti 2024: कब मनाई जाती है कूर्म जयंती और जानिए कूर्म जयंती का धार्मिक महत्व,पूजा विधि,अनुष्ठान

Kurma Jayanti 2024: कूर्म जयंती एक हिंदू त्योहार है जो विशेष रूप से कर्णाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, दक्षिणी महाराष्ट्र और केरल में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतार है जिनमें से द्वितीय अवतार कूर्म अवतार कहलाता है।

Kurma Jayanti 2024

इस विशेष लेख में आप ये जानेंगे –

कब मनाई जाती है कूर्म जयंती

कैसे हुई थी भगवान कूर्म की उत्पत्ति

कूर्म जयंती की पूजा विधि

कूर्म जयंती के अनुष्ठान

Kurma Jayanti 2024: कब मनाई जाती है कूर्म जयंती

मान्यता है कि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को भगवान कूर्म की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए हर वर्ष इस तिथि को कूर्म जयंती मनाई जाती है। जो शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है।

कूर्म जयंती – 23 मई, गुरुवार

पूर्णिमा प्रारम्भ – 22 मई, बुधवार को 06:47 PM पर

पूर्णिमा समाप्त – 23 मई, गुरुवार को 07:22 PM तक

कूर्म जयन्ती मुहूर्त – 03:58 PM से 06:40 PM

Kurma Jayanti 2024: कैसे हुई थी भगवान कूर्म की उत्पत्ति ?

हिन्दू पुराणों में वर्णित है कि एक समय जब देवताओं और असुरों में भयंकर युद्ध हुआ तब गुरु शुक्राचार्य ने दोनों पक्षों को समुद्र मंथन करने का सुझाव दिया। इस मंथन को सफल बनाने के लिए भगवान विष्णु ने कूर्म अर्थात कछुए का आकार लिया ताकि वे मंदरा पर्वत के भार को अपनी पीठ पर संभाल सकें। इसी को भगवान विष्णु का कूर्म अवतार कहा जाता है।

Kurma Jayanti 2024: कूर्म जयंती की पूजा विधि

• इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। ज्यादातर लोग भगवान विष्णु के मंदिर जाकर दर्शन और भजन कीर्तन करते हैं।

• यदि आप घर पर ही पूजा करना चाहते हैं तो इस दिन प्रातः स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

अब अपने घर के पूजा स्थल को साफ़ करके एक थाली में दीपक, धूप, पंचामृत, भोग और पुष्प आदि रखें।

• इसके बाद पंचोपचार द्वारा दैनिक पूजा करें और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।

• इस दिन कई लोग भोग के रूप में खीर और दूध से बने पकवान बनाते हैं। इस भोग के साथ भगवान को दक्षिणा अर्पित करें।

इन आसान कार्यों से आपकी कूर्म जयंती की पूजा सम्पन्न हो जाएगी।

Kurma Jayanti 2024: कूर्म जयंती के अनुष्ठान

•कूर्म जयंती को विशेष रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है, जहां लोग अपने घरों को साफ-सफाई करत हैं।

• इस दिन विशेष पर लोग छोटी-छोटी नांव बनाते हैं और इन्हें पुजा के लिए उपयोग करते हैं। इसके अलावा, कुछ लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और भगवत कथाएं सुनते हैं।

• कुछ लोग इस दिन कई तरह के दान करते हैं और जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाते हैं।

• कई लोग इस दिन अपने घर के आंगन में रंगोली बनाते हैं। ताकि श्री हरि के साथ माता लक्ष्मी का भी उनके घर में आगमन हो।

ऐसी ही रोचक व व्रत त्यौहार से जुड़ी जानकारियों के लिए जुड़े रहिए धार्मिक सुविचार पर।

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