Dharmik Suvichar अनमोल धार्मिक सुविचार इन हिंदी (2024)

धर्मिक सुविचार Dharmik Suvichar: “जीवन में सच्चाई, नेकी, और प्रेम सदैव सर्वोपरि रहते हैं। धर्म का मतलब यह नहीं केवल मंदिरों या पूजा में है, बल्कि यह हमारे कर्मों में है। अपने कर्मों से दूसरों की मदद करें, और उन्हें सम्मान दें। इससे हम सच्चे धर्मिक और मानवीय बनते हैं।” यही सत्यता है कि जीवन में धर्म, नेकी और प्रेम की मूलभूत शिक्षाएं हमें सही राह दिखाती हैं।

dharmik suvichar अनमोल धार्मिक सुविचार इन हिंदी (2024)

  1. दूसरों की सफलता जानने के बजाय खुद की सफलता पर कार्य करना चाहिए।
  2. ज्ञानी व्यक्ति की कभी भी मृत्यु नहीं होती है, वे अपने ज्ञान का प्रकाश हमेशा बिखेरते रहते है।
  3. अकेले रहने और तन्हा रहने में बहुत अंदर है। अकेले रह पाना आपको स्वयं में पूर्ण करता है जबकि तन्हाई अपूर्ण।
  4. पीड़ा का हर क्षण प्रभु में विश्वास बढ़ाने का एक अवसर है।शिक्षक और सड़क एक जैसे होते हैं। खुद जहाँ हैं वहीं होते हैं लेकिन दूसरों को मंजिल तक पहुंचा देते हैं।
  5. गलती करने में बुराई नहीं है, बुराई तब है जब हम उन गलतियों से सीख नहीं लेते हैं और उन्हें दोहराते जाते हैं।
  6. ठोकर इसलिए नहीं लगती कि इंसान गिर जाए। ठोकर इसलिए लगती है कि इंसान संभाल जाए।
  7. कुछ अलग करने के लिए भीड़ से अलग होना पड़ेगा।
  8. मजबूर और मजबूत में ज्यादा फर्क नही है, स्वार्थी मनुष्य से दोस्ती करोगे तो वो आपको मजबूर बना देगा और सच्चे मनुष्य से दोस्ती करोगे तो वो आपको मजबूत बनाएगा।
  9. जो मन समस्याओं को जन्म दे रहा है, वो समाधान नहीं दे सकता। उस मन पर काम करने की जरूरत है।
  10. प्रार्थना सुख और शान्ति प्रदान करती है, ये हमारा जीवन आसान बनाती है।
  11. इस दुनिया पर सबसे बड़ी विजय खुद पर विजय हासिल करना होता है।
  12. जब तक मन कैकयी न हो, तब तक कोई मंथरा कान नहीं भर सकती।
  13. सुनना सीख लो, सहना सीख जाओगे। और सहना सीख लिया तो रहना सीख जाओगे।
  14. आप ईश्वर को पाने के लिए एक कदम बढ़ाओ, ईश्वर आपको पाने के लिए हजार कदम बढ़ाएगा।
  15. महंगे आभूषण और वस्त्र एक निश्छल और सच्ची मुस्कान की सुन्दरता के सामने फीके पड़ जाते हैं।
  16. जो व्यक्ति अच्छी आदतों का आदी हो जाता है उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
  17. सोच का ही फर्क होता है, वरना समस्याएँ आपको कमजोर नहीं मजबूत बनाने आती हैं।
  18. एक अच्छी पुस्तक हजार दोस्तों के बराबर होती है, जबकि एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी के बराबर होता है।
  19. रिश्तों की कदर भी पैसों की तरह ही करनी चाहिए क्योंकि दोनों को कमाना मुश्किल है पर गँवाना आसान।
  20. बुरों के प्रति बुरा बनने में नहीं, बल्कि उनसे दूर रहने में भलाई है।
  21. हम बाहर की चुनौतियों से नहीं, बल्कि अपने अंदर की कमजोरी से हारते हैं।
  22. गुणों से ही व्यक्ति की असली पहचान होती है, गुणी व्यक्ति सब जगह अपना आदर करा लेता है।
  23. मूर्ख व्यक्ति ज्ञानियों से भी कुछ नहीं सीख पाता, और ज्ञानी व्यक्ति मूखों से भी बहुत कुछ सीख लेता है।
  24. क्षमा धर्म है, क्षमा यज्ञ है, क्षमा वेद है और क्षमा शास्त्र है। इसको जानने वाला सब कुछ क्षमा करने योग्य हो जाता है।
  25. अच्छे कर्म करने का अगर करो वादा, तो शनि देव किसी काम में नहीं डालेंगे बाधा। जय श्री शनि देव महरादुनिया में हर इंसान अलग है, इसलिए जो जैसा है उसे वैसा स्वीकार करना सीखें।
  26. जिंदगी में सच के साथ हमेशा चलते रहिये, तो वक्त आपके साथ अपने आप चलने लगेगा। उन पर ध्यान मत दीजिए जो आपकी पीठ पीछे बातें करते हैं। इसका सीधा सा अर्थ है आप उनसे दो कदम आगे हैं।
  27. एक शांत और स्थाई चित्त हर विप्पति से निकलने का रास्ता निकाल लेता है।

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