Skanda Sashti 2024: स्कंद षष्ठी व्रत , इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, पूरी होगी हर कामना

Skanda Sashti 2024: स्कंद षष्ठी के दिन मां पार्वती और शिव जी के पुत्र कार्तिकय जी की आराधना की जाती है। कुमार कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है। इसलिए इसे स्कंद षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि परिवार में सुख-शांति और संतान प्राप्ति के लिए स्कंद षष्ठी का व्रत बेहद खास महत्व रखता है।

Skanda Sashti

इस व्रत को दक्षिण भारत में प्रमुख त्यौहारों में से एक माना जाता है। यहां भगवान कार्तिकेय को कुमार, मुरुगन, सुब्रह्मण्यम जैसे कई नामों से जाना जाता है। उत्तर भारत में कार्तिकेय को गणेश का बड़ा भाई माना जाता है लेकिन दक्षिण भारत में कार्तिकेय गणेश जी के छोटे भाई माने जाते हैं। इसलिए हर महीने की षष्ठी को स्कंद षष्ठी मनाई जाती है। षष्ठी तिथि कार्तिकेय जी की तिथि होने के कारण इसे कौमारिकी भी कहा जाता है।

वर्ष 2024 में माघ मास की स्कंद षष्ठी Skanda Sashti 

स्कंद षष्ठी- 14 फरवरी, बुधवार (माघ, शुक्ल षष्ठी)

षष्ठी तिथि प्रारम्भ – 14 फरवरी, बुधवार, 12:09 PM

षष्ठी तिथि समापन 15 फरवरी, गुरुवार 10:12 AM

जानें इस दिन का महत्व

• माना जाता है कि, इस दिन संसार में हो रहे कुकर्मों को समाप्त करने के लिए कार्तिकेय का जन्म हुआ था।

• बताया जाता है कि स्कंद षष्ठी की उपासना से च्यवन ऋषि को आंखों की ज्योति प्राप्त हुई थी। • यह भी बताया गया है कि स्कंद षष्ठी की कृपा से प्रियव्रत के मृत शिशु के प्राण लौट आए थे।

• ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इस दिन अगर विधि-विधान से भगवान कार्तिकेय का व्रत रखकर उनकी आराधना की जाए तो व्यक्ति को तमाम प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

• इसके अलावा संतान को भी उनकी तमाम समस्याओं से छुटकारा मिलता है साथ ही धन-वैभव की भी प्राप्ति होती है।

आइए, अब जानते हैं स्कंद षष्ठी के दिन किन विशेष बातों का खास ख्याल रखना चाहिए और किन चीजों को
भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

• स्कंद षष्ठी के दिन दान आदि कार्य करना शुभ माना जाता है।

• इसके अलावा इस दिन स्कंद देव की स्थापना करके अखंड दीपक जलाना चाहिए।

स्कंद षष्ठी के दिन पूजन में तामसिक भोजन मांस, शराब, प्याज, लहसुन नहीं शामिल करना चाहिए।

साथ ही इस दिन व्रत का पालन करने वाले लोग ब्रह्मचर्य का पालन करें।

• वहीं अगर कोई व्यक्ति व्यावसायिक कष्टों से जूझ रहा है तो वो इस दिन कुमार कार्तिकेय को दही में सिंदूर मिलाकर अर्पित करें।

तो भक्तों इस लेख में आपने स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त, महत्व और इस दिन किन चीजों को करने से बचना चाहिए इस विषय पर जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा स्कंद षष्ठी जुड़ी व्रत कथा या पूजा विधि के बारे में जानना चाहते हैं तो आप श्री मंदिर के ऐप पर जाकर जान सकते हैं।

इस प्रकार अन्य पर्वों के शुभ मुहूर्त और तिथि जानने के लिए जुड़े रहें “धार्मिक सुविचार” के साथ।

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