धार्मिक सुविचार Dharmik Suvichar: जीवन का सबसे बड़ा धर्म है, दूसरों की मदद करना और उन्हें प्यार और सम्मान देना। जो अपने कर्मों में सच्चे धर्म की पाठशाला में पढ़ाई करते हैं, वे हमेशा सफलता की ऊंचाइयों को छूते हैं।
अनमोल अति मूल्य Suvichar सुविचार
जिसके मन का भाव अच्छा होता है उसका हर काम सच्चा होता है।
रिश्तों की कदर भी पैसों की तरह ही करनी चाहिए क्योंकि दोनों को कमाना मुश्किल है पर गँवाना आसान।
हम चीजों को उस तरह से नहीं देखते जिस तरह वे हैं, बल्कि वैसे देखते हैं जिस तरह हम हैं।
क्रोध से मूढ़ता पैदा होती है, मूढ़ता से स्मृति भंग होती है। स्मृति भंग होने से बुद्धि का नाश होता है और बुद्धि नष्ट होने पर प्राणी स्वयं नाश हो जाता है।
मेहनत वो बंद चाबी है जो बंद भविष्य के दरवाजे खोल देती है।
ये मत सोचो कि भगवान् ने हमारे लिए क्या किया है। ये सोचो कि कुछ भी करने के लिए हम पर छोड़ दिया है।
या तो दिन आपके अनुसार चलता है या आप दिन के अनुसार चलते हैं।
गलती करने में बुराई नहीं है, बुराई तब है जब हम उन गलतियों से सीख नहीं लेते हैं और उन्हें दोहराते जाते हैं।
मन में जो है साफ़ साफ़ कह देना चाहिए क्योकि सच बोलने से फैसले होते है और झूट बोलने से फासले।
जैसे उबलते पानी में कभी परछाई नही दिखती ठीक उसी प्रकार परेशान मन से समाधान भी नही दिखते।
अकेले रहने और तन्हा रहने में बहुत अंदर है। अकेले रह पाना आपको स्वयं में पूर्ण करता है जबकि तन्हाई अपूर्ण।
विश्वास वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनियाँ में भी प्रकाश फैलाया जा सकता है।
जिस व्यक्ति ने कभी कोई गलती नहीं की उसने कभी कोई नया करने की कोशिस नहीं की।
जिंदगी एक शिक्षक की तरह होती है जो समय-समय पर सबकी परीक्षा लेती है।
उन पर ध्यान मत दीजिए जो आपकी पीठ पीछे बातें करते हैं। इसका सीधा सा अर्थ है आप उनसे दो कदम आगे हैं।
जो मन समस्याओं को जन्म दे रहा है, वो समाधान नहीं दे सकता। उस मन पर काम करने की जरूरत है।
यदि आप कुछ अच्छा करना चाहते हैं लेकिन नहीं कर पा रहे तो अपने तरीके बदलिए, इरादे नहीं।
मौन ही प्रार्थना का शुद्ध एवं उच्चतम स्तर है।
धैर्य पिता से सीखो, संस्कार माता से। चरित्र गुरु से सीखो और कृपा विधाता से।
जीभ पर लगी चोट ठीक हो जाती है, लेकिन जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती।
सोच का ही फर्क होता है, वरना समस्याएँ आपको कमजोर नहीं मजबूत बनाने आती हैं।
जो मनुष्य पाँव से नहीं बल्कि बुद्धि से चलते हैं, उनकी सफलता निश्चित है।
क्षमा धर्म है, क्षमा यज्ञ है, क्षमा वेद है और क्षमा शास्त्र है। इसको जानने वाला सब कुछ क्षमा करने योग्य हो जाता है।
दूसरों की सफलता जानने के बजाय खुद की सफलता पर कार्य करना चाहिए।
प्रार्थना सुख और शान्ति प्रदान करती है, ये हमारा जीवन आसान बनाती है।
यदि जीवन में दुःख नहीं होंगे तो इंसान सुख को महत्व देना भूल जाएगा।
कोई भी जन्म से बुद्धिमान नहीं होता, ज्ञान अपने प्रयासों से ही प्राप्त होता है।
कर्म पर विश्वास रखो और ईश्वर पर आस्था, कितना भी कठिन लक्ष्य हो, मिल जाएगा रास्ता ।
यदि आपमें गलतियाँ स्वीकारने की हिम्मत होती है तो लोग आपकी गलतियाँ माफ़ कर देते हैं।
इस दुनिया पर सबसे बड़ी विजय खुद पर विजय हासिल करना होता है।
अपने आदर्श को पाने के लिए सैकड़ो बार असफल होने के बाद भी आगे बढ़ो।
जिंदगी में सच के साथ हमेशा चलते रहिये, तो वक्त आपके साथ अपने आप चलने लगेगा।
जिस समय कोई समस्या जन्म लेती है, उसी समय समाधान भी जन्म लेता है।
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।
मुसीबत सब पर आती है। कोई बिखर जाता है तो कोई निखर जाता है।
नफरत किसी से न करें, और अगर जो जाए तो आत्ममंथन करें।
आसान जिंदगी मत मांगो, क्योंकि जिदगी कभी आसान नहीं होती। खुद को मजबूत बनाने का प्रयास करो।
गुणों से ही व्यक्ति की असली पहचान होती है, गुणी व्यक्ति सब जगह अपना आदर करा लेता है।
कोई भी जन्म से बुद्धिमान नहीं होता, ज्ञान अपने प्रयासों से ही प्राप्त होता है।
शिक्षक और सड़क एक जैसे होते हैं। खुद जहाँ हैं वहीं होते हैं लेकिन दूसरों को मंजिल तक पहुंचा देते हैं।
प्रभु कहते हैं तुम किसी का कुछ नहीं बिगाड़ना, मैं तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ने दूंगा।
ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए
‘धार्मिक सुविचार’ के साथ
2 thoughts on “Suvichar:100 Words of Wisdom मेहनत वो बंद चाबी है जो बंद भविष्य के दरवाजे खोल देती है।”