Masik Karthigai 2024: कब है मासिक कार्तिगाई, जानें, पूजा विधि और महत्व

आज हम धार्मिक सुविचार पर आपके लिए masik karthigai मासिक कार्तिगाई से जुड़ी हुई जरूरी जानकारी लेकर आए हैं, इसलिए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

masik karthigai

इस लेख में जानिए

1. क्या है मासिक कार्तिगाई

2. मासिक कार्तिगाई कब है?

3. इस पर्व से जुड़ी हुई पौराणिक कथा

4. कहां जलाते हैं महादीपम

5. कैसे की जाती है इस दिन पूजा

1. क्या है masik karthigai मासिक कार्तिगाई

मासिक कार्तिगाई एक मासिक त्यौहार है जिसे मुख्य रूप से तमिल हिन्दुओं द्वारा काफी हर्षोल्लास से मनाया जाता है। मासिक कार्तिगाई को दीपम कार्तिगाई के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिगाई दीपम का नाम कार्तिगाई या कृत्तिका नक्षत्र से लिया गया हैं। जिस दिन कृत्तिका नक्षत्र प्रबल होता है उस दिन कार्तिगाई दीपम मनाया जाता है।

2. मासिक कार्तिगाई masik karthigai कब है

यह पर्व पौष माह के कृष्ण पक्ष में 20 जनवरी 2024, शनिवार को मनाया जाएगा।
त्योहार के दिन शाम के समय घरों और गलियों में तेल के दीप एक पंक्ति में जलाये जाते हैं। साथ ही, इस दिन भगवान शिव एवं उनके पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इनकी आराधना करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

3.मासिक कार्तिगाई masik karthigai की पौराणिक कथा

इस पर्व से जुड़ी हुई एक पौराणिक कथा भी है, जिसके अनुसार, एक बार भगवान शिव ने भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी को अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए स्वयं को प्रकाश की अनन्त ज्योत में बदल लिया था। इसलिए उनके सम्मान में इस दिन ज्योत जलाने का विधान है।

masik karthigai

4. मासिक कार्तिगाई masik karthigai में कहां जलाते हैं महादीपम

तिरुवन्नामलई की पहाड़ी में कार्तिगाई का त्यौहार बहुत प्रसिद्ध हैं। कार्तिगाई के दिन पहाड़ी पर विशाल दीप जलाया जाता है जो पहाड़ी के चारों ओर कई किलोमीटर तक दिखता है। इस दीप को महादीपम कहते हैं और हिन्दु श्रद्धालु यहाँ जाते हैं और भगवान शिव की प्रार्थना करते हैं।

5.मासिक कार्तिगाई masik karthigai में कैसे की जाती है पूजा

मासिक कार्तिगाई पर, भगवान शिव और भगवान मुरुगन का आशीर्वाद लेने का बहुत ही अधिक महत्व है और इसीलिये भक्तगण इस दिन सुबह-सुबह अपने दैनिक कार्यों को करने के बाद पूजा-अर्चना में लग जाते हैं। इस दिन मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिलती है।

• इस दिन भक्त स्नानादि के बाद अपने घर को साफ करते हैं।

• उसके बाद पूजा वेदी तैयार की जाती है, और भगवान मुरुगन की प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित की जाती है।

• आटा, घी और गुड़ से तैयार एक दीपक जलाया जाता है जो बहुत शुभ माना जाता है।

• सुब्रह्मण्य कवचम और कंडा षष्ठी कवचम का जाप करके पूजा की जाती है।

• अगरबत्ती, चंदन, हल्दी का लेप और सिंदूर भगवान को चढ़ाया जाता है। भक्त भोग के रूप में कई व्यंजनों को तैयार करते हैं।

• बाद में सुब्रह्मण्य जी की आरती की जाती है।

• कई भक्त इस दिन उपवास रखते हैं। उपवास भोर के दौरान शुरू होता है और शाम के दौरान समाप्त होता है।

• सुबह के साथ-साथ शाम को भी पूजा की जाती है।

ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए

‘धार्मिक सुविचार’ के साथ

और पढ़ें ↘️

FAQ

मासिक कार्तिगाई कब है?
यह पर्व पौष माह के कृष्ण पक्ष में 20 जनवरी 2024, शनिवार को मनाया जाएगा। त्योहार के दिन शाम के समय घरों और गलियों में तेल के दीप एक पंक्ति में जलाये जाते हैं। साथ ही, इस दिन भगवान शिव एवं उनके पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा का विधान है।

क्या है मासिक कार्तिगाई?
मासिक कार्तिगाई एक मासिक त्यौहार है जिसे मुख्य रूप से तमिल हिन्दुओं द्वारा काफी हर्षोल्लास से मनाया जाता है। मासिक कार्तिगाई को दीपम कार्तिगाई के नाम से भी जाना जाता है।

कैसे की जाती है इस दिन पूजा?
भगवान शिव और भगवान मुरुगन का आशीर्वाद लेने का बहुत ही अधिक महत्व है और इसीलिये भक्तगण इस दिन सुबह-सुबह अपने दैनिक कार्यों को करने के बाद पूजा-अर्चना में लग जाते हैं। इस दिन मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिलती है।

Leave a Comment