हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी Shattila Ekadashi कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ तिल के प्रयोग व दान का विशेष महत्व बताया गया है।
इस दिन भगवान श्री विष्णु का पूजन तिल से करने का महत्व है। नहाते समय जल में तिल मिलाकर स्नान करने से आरोग्य मिलता है, और तिल का दान, हवन और तर्पण आदि करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
षटतिला एकादशी Shattila Ekadashi पर बन रहे तीन विशेष योग
इस बार षटतिला एकादशी विशेष महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इस दिन व्याघात योग, हर्ष योग, और ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बनने जा रहा है! ज्योतिष शास्त्रों में ये सभी योग बहुत ही शुभ बताये गए हैं, जिनका कई जातकों के जीवन पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है। चलिए जानते हैं उन राशियों के बारे में।
मिथुन राशि
षटतिला एकादशी पर बनने जा रहा तीन योगों का ये विशेष संयोग ‘मिथुन राशि’ के जातकों के लिये उत्तम माना जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार, इस राशि के जातकों कार्यक्षेत्र में सफल होंगे। परिवार के लिये कोई शुभ समाचार हो सकता है, साथ ही इन योग के प्रभाव से मिथुन राशि के लोगों को धनलाभ मिल सकता है।
सिंह राशि
षटतिला एकादशी ‘सिंह राशि’ के जातकों को नये कार्य का आरंभ और उसमें सफल होने का संकेत दे रही है। कार्यक्षेत्र में पदोन्नति हो सकती है। भगवान विष्णु की कृपा से इस राशि के लोगों की सभी योजनाएं सफल होंगी, और माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से जातक की आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।
तुला राशि
षटतिला एकादशी से ‘तुला राशि’ के जातकों के लिये शुभ दिन आरंभ होंगे। व्यापार व व्यवसाय में तरक्की मिलेगी, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस दिन बनने वाले तीन विशेष योगों के प्रभाव से नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को मनचाहा काम मिल सकता है।
षटतिला एकादशी Shattila Ekadashi के विशेष उपाय
षटतिला एकादशी के दिन श्रद्धापूर्वक व्रत उपवास करने से जातक पर भगवान लक्ष्मी नारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिष के जानकार कहते हैं कि यदि इस एकादशी पर कुछ उपाय किये जायें, तो धन-संपन्नता में वृद्धि होती है।
धन प्राप्ति के लिये तिल से किये जाने वाले 6 विशेष उपाय
तिल से करें स्नान
षटतिला एकादशी के दिन तिल से स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन जातक स्नान के जल में थोड़ा सा तेल मिलायें, फिर इसी जल से स्नान करें। तिल से स्नान करने के बाद यदि आप श्री हरि की पूजा अर्चना करेंगे, तो शीघ्र प्रसन्न होंगे।
लगायें तिल का उबटन
षटतिला एकादशी पर तिल का उबटन अवश्य लगायें। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को आरोग्य मिलता है। कोई असाध्य रोग है, तो उससे भी छुटकारा मिलता है, और भविष्य में कोई रोग या शारीरिक कष्ट नहीं होता है।
श्री हरि को चढ़ायें तिल से बनी वस्तुएं
षटतिला एकादशी Shattila Ekadashi के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय जातक उन्हें तिल से निर्मित भोग अर्पित करें, और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप करें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
तिल के भोग का वितरित करें प्रसाद
भगवान लक्ष्मी नारायण को अर्पित किये गये भोग को पूजा के उपरांत प्रसाद के रूप में वितरित करें, और स्वयं भी इसे ग्रहण करें। ऐसा
करने से भगवान की विशेष कृपा होगी, और जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे।
तिल से करें पितरों का तर्पण
षटतिला एकादशी के अवसर पर जातक तिल का प्रयोग करके पितरों का तर्पण करें। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलेगी, और जातक के जीवन व घर में सुख-सम्पन्नता का वास होगा।
तिल का करें दान
षटतिला एकादशी के दिन तिल के दान का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन तिल दान से आर्थिक संपन्नता आती है, साथ ही जातक जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है।
हमारी कामना है कि आपको षटतिला एकादशी व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त हो, और भगवान विष्णु आपको सुखी-समृद्ध जीवन का वरदान दें।
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