हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण संक्रान्ति मानी जाने वाली मकर संक्रांति Makar Sankranti आने वाली है। कहा जाता है कि यह जीवन में स्थिरता लाती है। मकर संक्रांति को शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है। इस दिन कई गतिविधियों जैसे कि स्नान करना, भगवान सूर्य को नैवेद्य अर्पित करना, दान-दक्षिणा देना, श्राद्ध-तर्पण करना पुण्य काल के दौरान करने की सलाह दी जाती है।
मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024, सोमवार
मकर संक्रांति पुण्य काल 06:45 AM से 05:29 PM तक
मकर संक्रांति महा पुण्य काल 06:45 AM से 08:33 AM तक
मकर संक्रान्ति का क्षण – 2:54 AM
संक्रान्ति करण – विष्टि
संक्रान्ति घटी – 51 (रात्रिमान)
संक्रान्ति चन्द्रराशि – कुम्भ
संक्रान्ति नक्षत्रः शतभिषा (चर संज्ञक)
Makar Sankranti 2024:अन्य शुभ मुहूर्त
• ब्रह्म मुहूर्त- 04:59 AM से 05:52 AM तक
• प्रातः सन्ध्या- 05:26 AM से 06:45 AM तक
• अभिजित मुहूर्त- 11:46 AM से 12:29 PM तक
• विजय मुहूर्त- 01:55 PM से 02:37 PM तक
• गोधूलि मुहूर्त 05:27 PM से 05:53 PM तक
• सायाह सन्ध्या 05:29 PM से 06:49 PM तक
• अमृत काल 10:49 PM से 16 जनवरी 12:17 AM तक
• निशिता मुहूर्त 11:41 PM से 16 जनवरी 12:34 AM तक
• रवि योग 06:45 AM से 08:07 AM तक
Makar Sankranti 2024: चौघड़िया काल
• अमृत – सर्वोत्तमः 06:45 AM से 08:06 AM तक
• काल – हानि: 08:06 AM से 09:26 AM तक
• शुभ – उत्तम: 09:26 AM से 10:47 AM तक
• रोग – अमंगल: 10:47 AM से 12:07 PM तक
• उद्वेग – अशुभ: 12:07 PM से 01:28 PM तक
• चर – सामान्य: 01:28 PM से 02:48 PM तक
• लाभ – उन्नतिः 02:48 PM से 04:09 PM तक
• अमृत – सर्वोत्तमः 04:09 PM से 05:29 PM तक
यदि मकर संक्रांति सूर्यास्त के बाद प्रारंभ होती है तो पुण्य काल की सभी गतिविधियाँ अगले दिन सूर्योदय तक के लिए स्थगित कर दी जाती हैं। इसलिए पुण्य काल के सभी कार्य दिन के समय ही करने चाहिए।
किस पर सवार होंगी संक्रांति देवी?
हिंदू पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसी दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य का मकर राशि में प्रवेश राजयोग देने वाला माना गया है। ज्योतिष शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि मकर राशि में गोचर करते समय सूर्य दशम भाव में विद्यमान होते हैं, और दशम भाव में सूर्य को बहुत ही बली माना गया है।
Makar Sankranti 2024: इस रूप में होगा संक्रांति देवी का आगमन
सूर्य स्वयं ग्रहों के राजा हैं, ऐसे में राज्य भाव में राजा के गोचर होने से जातकों के लिए ये दिन विशेष लाभदायक माना गया है। इसके अलावा संक्रांति को देवी के रूप में भी पूजा जाता है। इन देवी का आगमन हर साल एक नये रूप में होता है इस वर्ष की बात करें तो मकर संक्रांति विष्टि करण के ऊपर आ रही है, इसलिए देवी अपनी मुख्य सवारी अश्व पर आएंगी। इसके साथ ही मकर संक्रान्ति देवी का उपवाहन सिंह भी होगा। देवी का स्वरूप काले वस्त्र पहने, हाथों में शस्त्र लिए वृद्ध अवस्था में होगा। दूर्वा की सुगंध लेते हुये, सोने का आभूषण पहने देवी खिचड़ी का भोजन कर रही हैं।
Makar Sankranti 2024: जातकों को मिलेगी विशेष गुरु कृपा
देवी के स्वरूप की एक विशेषता ये भी है कि वे हल्दी का तिलक लगाए हुए हैं, जिससे माना जा रहा है कि इस वर्ष गुरु प्रबल रहेंगे। ज्योतिष के विद्वानों का कहना है कि इस पूरे वर्ष जो जातक हल्दी का तिलक लगाएंगे, उन्हें गुरु ग्रह की विशेष कृपा और आशीष मिलेगा। बता दें कि संक्रांति देवी का स्वरूप उत्तर से दक्षिण की ओर गमन कर रहा है, और देवी नैऋत्य कोण की ओर देख रही हैं। देवी के नाम की बात करें तो पंचांगों के अनुरूप, वार नाम घोरा और नक्षत्र नाम महोदरी है।
तो ये थी इस मकर संक्रांति 2024 पर ‘संक्रांति देवी’ के स्वरूप से जुड़ी जानकारी। आपको बताते चलें कि मकर संक्रांति का पूरा दिन पुण्य काल का रहेगा। साथ ही इस दिन दान-पुण्य करने से जातकों को सूर्य, गुरु और शनि की कृपा वर्ष भर मिलती रहेगी।
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