Papamochani Ekadashi Date 2024 : पापमोचिनी एकादशी – 05 अप्रैल 2024, शुक्रवार, जाने शुभ मुहूर्त पूजा की तैयारी और पूजा सामग्री

Papamochani Ekadashi Date 2024:हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत इस वर्ष 05 अप्रैल, शुक्रवार को है। इस दिन सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है। विधि विधान से पापमोचिनी एकादशी का व्रत करने से जन्म जन्मांतर के पापकर्मों से मुक्ति मिलती है, और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

.Papamochani Ekadashi Date 2024

Papamochani Ekadashi Date 2024 : पापमोचिनी एकादशी – 05 अप्रैल 2024, शुक्रवार

एकादशी तिथि प्रारम्भ 04 अप्रैल 2024, 04:14 PM

एकादशी तिथि समाप्त 05 अप्रैल 2024, 01:28 PM

पारण समय – 06 अप्रैल, 05:44 AM से 08:15 AM

इस दिन के अन्य शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त – 04:13 AM से 04:59 AM

प्रातः सन्ध्या – 04:36 AM से 05:45 AM

अभिजित मुहूर्त – 11:36 AM से 12:26 PM

विजय मुहूर्त – 02:06 PM से 02:56 PM

गोधूलि मुहूर्त – 06:15 PM से 06:38 PM

सायाह्न सन्ध्या – 06:16 PM से 07:25 PM

अमृत काल – 08:37 AM से 10:04 AM

Papamochani Ekadashi Date 2024:पापमोचिनी एकादशी व्रत की पूजा की तैयारी

• एकादशी के दिन व्रत करने वाले जातक दशमी तिथि की शाम में व्रत और पूजन का संकल्प लें।

• दशमी में रात्रि के भोजन के बाद से कुछ भी अन्न या एकादशी व्रत में निषेध चीजों का सेवन न करें।

•विजया एकादशी के दिन प्रातकाल उठें, और किसी पेड़ की टहनी से दातुन करें।

• इसके बाद नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नान करें। स्नान करते समय पानी में तिल और गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

• स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। स्वयं को चन्दन का तिलक करें।

• अब भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य दें और नमस्कार करते हुए, आपके व्रत और पूजा को सफल बनाने की प्रार्थना करें।

• अब पूजा करने के लिए सभी पूजन सामग्री इकट्ठा करें और पूजा शुरू करें।

Papamochani Ekadashi Date 2024 : पापमोचिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि

विजया एकादशी का दिन भगवान विष्णु के भक्तों के लिए विशेष होता है। यदि इस दिन संपूर्ण विधि विधान से भगवान विष्णु की भक्ति एवं पूजा-अर्चना की जाए तो कठिनतम लक्ष्य की प्राप्ति भी संभव हो जाती है।

Papamochani Ekadashi Date 2024

• सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करके इस स्थान पर एक चौकी स्थापित करें, और इसे गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें।

• इसके बाद चौकी पर एक पीला वस्त्र बिछाएं। इस चौकी के दायीं ओर एक दीप प्रज्वलित करें।

• चौकी के सामने एक साफ आसन बिछाकर बैठ जाएं। जलपात्र से अपने बाएं हाथ से दाएं हाथ में जल लेकर दोनों हाथों को शुद्ध करें।

• अब चौकी पर अक्षत के कुछ दानें आसन के रूप में डालें और इस पर गणेश जी को विराजित करें।

• इसके बाद चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें।

• अब स्नान के रूप में एक जलपात्र से पुष्प की सहायता से जल लेकर भगवान गणेश और विष्णु जी पर छिड़कें।

भगवान गणेश को हल्दी-कुमकुम अक्षत और चन्दन से तिलक करें।

• इसके बाद वस्त्र के रूप में उन्हें जनेऊ अर्पित करें। इसके बाद पुष्प अर्पित करके गणपति जी को नमस्कार करें।

• भगवान विष्णु को रोली-चन्दन का तिलक करें। कुमकुम, हल्दी और अक्षत भी चढ़ाएं।

• अब ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जप करते हुए श्रीहरि को पुष्प, जनेऊ और माला अर्पित करें।

• भगवान विष्णु को पंचामृत में तुलसीदल डालकर अर्पित करें। (चूँकि भगवान विष्णु को तुलसी अतिप्रिय है इसीलिए भगवान के

भोग में तुलसी को अवश्य शामिल करें। ध्यान दें गणेश जी को तुलसी अर्पित न करें)

• इसके बाद भोग में मिष्ठान्न, घर में बनाया भोग और ऋतुफल अर्पित करें।

• विष्णु सहस्त्रनाम या श्री हरि स्त्रोतम का पाठ करें, इसे आप श्री मंदिर के माध्यम से सुन भी सकते हैं।

• अंत में भगवान विष्णु की आरती करें।

• द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाएं व क्षमता अनुसार दान-दक्षिणा दें। तत्पश्चात ही व्रत का पारण करें।

पापमोचिनी एकादशी की पूजा सामग्री

हिन्दू माह माघ में शुक्ल पक्ष की विजया एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन संपूर्ण विधि और उचित सामग्री के साथ पूजा करना अत्यंत फलदायक होता है। विजया एकादशी पर की जाने वाली पूजा की सामग्री निम्नलिखित है –

चौकी

पीला वस्त्र

गंगाजल

भगवान विष्णु की प्रतिमा

गणेश जी की प्रतिमा

अक्षत

जल का पात्र

पुष्प

माला

मौली या कलावा

जनेऊ

धूप

दीप

हल्दी

कुमकुम

चन्दन

अगरबत्ती

तुलसीदल

पञ्चामृत का सामान (दूध, घी, दही, शहद और मिश्री)

मिष्ठान्न

ऋतुफल

घर में बनाया गया नैवेद्य

नोट – गणेश जी की प्रतिमा के स्थान पर आप एक सुपारी पर मौली लपेटकर इसे गणेशजी के रूप में पूजा में विराजित कर सकते हैं।

तो यह थी पापमोचिनी एकादशी के शुभ मुहूर्त और तिथि से जुड़ी पूरी जानकारी, हम आशा करते हैं कि आपका व्रत सफल हो।

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