Masik Shivratri 2024:हिंदू धर्म में शिव और शक्ति के संगम के पर्व को शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। वहीं शिवरात्रि का अर्थ शिव की रात्रि से है। इसलिए मासिक शिवरात्रि की रात को शिव जी की पूजा का विशेष महत्व है। ये भी कहते हैं कि शिवजी कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की मध्य रात्रि में अवतरित हुए थे। इसके कारण इसे मासिक शिवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है।
चलिए जानते हैं साल 2024 के ‘आषाड़ मास की मासिक शिवरात्रि’ Masik Shivratri 2024 का शुभ मुहूर्त-
आषाढ़ मासिक शिवरात्रि – 04 जुलाई, बृहस्पतिवार
पूजा का शुभ मुहूर्त – 11:42 PM से 12:23 AM
चतुर्दशी प्रारम्भ – 04 जुलाई, 05:54 AM
चतुर्दशी समाप्त – 05 जुलाई, 04:57 AM
Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि का महत्व
मान्यता है कि हर माह आने वाली मासिक शिवरात्रि के व्रत को अगर पूरे विधि विधान से सम्पन्न किया जाए तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, साथ ही व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि की भी वृद्धि होती है।
• कहते हैं भगवान शिव को नंदी से बड़ा ही लगाव है। इसलिए अगर इस दिन भगवान शिव की सवारी नंदी यानी बैल को हरा चारा खिलाते हैं जो जीवन में सुख समृद्धि की बढ़ोत्तरी होती है।
• मान्यता ये भी है कि भगवान शिव शनिदेव के गुरु हैं। तो अगर कोई व्यक्ति शनि दोष से पीड़ित हैं या शनि की ढैया या साढ़ेसाती के बुरे फल की प्राप्ति हो रही है। ऐसे में शिवरात्रि के पावन दिन भगवान शिव को काले तिल मिलाकर जल अर्पित करें। साथ ही ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से शिवजी के साथ शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।
• वहीं संतान संबंधी परेशानी से मुक्ति के लिए शिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाकर 11 बार इनका जलाभिषेक करें। इससे संतान संबंधी समस्याओं से निजात मिलता है। इसके अलावा व्यक्ति के मान-प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है।
Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर क्या करें
• कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन अगर भगवान भोलेनाथ को गुलाब की पंखुड़ियां अर्पित करें तो वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। साथ ही जिन लोगों के विवाह में अड़चन आ रही है उन्हें इस दिन ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें अपनी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
• इसके अलावा जो लोग इस दिन उपवास रख रहे हैं वो लोग इस बात का विशेष ध्यान रखें कि वी देर तक ना सोएं और भूलकर भी शिवलिंग की पूर्ण परिक्रमा ना करें।
• इस विशेष दिन को अधिक मंगलकारी बनाने के लिए अब आप और अपने परिवार के नाम से पशुपति महादेव पर गंगाजल और दूध से अभिषेक करा सकते हैं, कहा जाता है कि चार धाम की यात्रा पशुपति महादेव के दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है, लाखों भक्तों ने पशुपति महादेव के चरणों में भेंट अर्पित कर महादेव का आशीर्वाद प्राप्त किया है, आप भी इस सेवा का लाभ लेकर महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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