धार्मिक सुविचार Dharmik Suvichar प्रार्थना शब्दों से नहीं, हृदय से होनी चाहिए। क्योंकि ईश्वर उनकी भी सुनते हैं जो बोल नहीं सकते।

धार्मिक सुविचार Dharmik Suvichar: “जीवन में सच्चाई, नेकी, और प्रेम सदैव सर्वोपरि रहते हैं। क्योंकि धर्म का मतलब यह नहीं केवल मंदिरों या पूजा में है, बल्कि यह हमारे कर्मों में है। अपने कर्मों से दूसरों की मदद करें, और उन्हें सम्मान दें। इससे हम सच्चे धार्मिक और मानवीय बनते हैं।” यही सत्यता है कि जीवन में धर्म, नेकी और प्रेम की मूलभूत शिक्षाएं हमें सही राह दिखाती हैं।

Dharmik Suvichar

धार्मिक सुविचार Dharmik Suvichar:

उत्साह जीवन में सबसे बड़ी शक्ति है, यदि आपके पास है तो जीत आपकी है।

मन में जो है साफ़ साफ़ कह देना चाहिए क्योकि सच बोलने से फैसले होते है और झूट बोलने से फासले।

प्रार्थना शब्दों से नहीं, हृदय से होनी चाहिए। क्योंकि ईश्वर उनकी भी सुनते हैं जो बोल नहीं सकते।

जो पानी से नहाएगा वो सिर्फ लिबास बदल सकता है, लेकिन जो पसीने से नहाएगा वो इतिहास बदल सकता है।

जिसके पास धैर्य है उसके लिए जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है।

भाषाओं का अनुवाद हो सकता है, भावनाओं का नहीं। इन्हें समझना पड़ता है।

सही फैसला लेना काबिलियत नही है, फैसला लेकर उसे सही साबित करना काबिलियत है।

अपने आदर्श को पाने के लिए सैकड़ो बार असफल होने के बाद भी आगे बढ़ो।

जिंदगी में सच के साथ हमेशा चलते रहिये, तो वक्त आपके साथ अपने आप चलने लगेगा।

जिस समय कोई समस्या जन्म लेती है, उसी समय समाधान भी जन्म लेता है।

छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।

मुसीबत सब पर आती है। कोई बिखर जाता है तो कोई निखर जाता है।

Dharmik Suvichar

नफरत किसी से न करें, और अगर जो जाए तो आत्ममंथन करें।

आसान जिंदगी मत मांगो, क्योंकि जिंदगी कभी आसान नहीं होती। खुद को मजबूत बनाने का प्रयास करो।

गुणों से ही व्यक्ति की असली पहचान होती है, गुणी व्यक्ति सब जगह अपना आदर करा लेता है।

कोई भी जन्म से बुद्धिमान नहीं होता, ज्ञान अपने प्रयासों से ही प्राप्त होता है।

शिक्षक और सड़क एक जैसे होते हैं। खुद जहाँ हैं वहीं होते हैं लेकिन दूसरों को मंजिल तक पहुंचा देते हैं।

प्रभु कहते हैं तुम किसी का कुछ नहीं बिगाड़ना, मैं तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ने दूंगा।

कुछ अलग करने के लिए भीड़ से अलग होना पड़ेगा।

सोच का ही फर्क होता है, वरना समस्याएँ आपको कमजोर नहीं मजबूत बनाने आती हैं।

यदि आप धीरे चलकर नहीं रुक रहे हैं तो यकीन मानिए आप सबसे तेज चल रहे हैं।

मूर्ख व्यक्ति ज्ञानियों से भी कुछ नहीं सीख पाता, और ज्ञानी व्यक्ति मूखों से भी बहुत कुछ सीख लेता है।

मौन ही प्रार्थना का शुद्ध एवं उच्चतम स्तर है।

गलती करने में बुराई नहीं है, बुराई तब है जब हम उन गलतियों से सीख नहीं लेते हैं और उन्हें दोहराते जाते हैं।

आप सफलता तब तक नहीं प्राप्त कर सकते, जबतक आप में असफल होने का साहस न हो।

जब तक शिक्षा का मतलब नौकरी पाना है, तब तक समाज में नौकर ही पैदा होंगे मालिक नहीं।

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुते।

विश्वास वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई दुनियाँ में भी प्रकाश फैलाया जा सकता है।

रिश्तों की कदर भी पैसों की तरह ही करनी चाहिए क्योंकि दोनों को कमाना मुश्किल है पर गँवाना आसान।

बुरों के प्रति बुरा बनने में नहीं, बल्कि उनसे दूर रहने में भलाई है।

हम बाहर की चुनौतियों से नहीं, बल्कि अपने अंदर की कमजोरी से हारते हैं।

गुणों से ही व्यक्ति की असली पहचान होती है, गुणी व्यक्ति सब जगह अपना आदर करा लेता है।

मूर्ख व्यक्ति ज्ञानियों से भी कुछ नहीं सीख पाता, और ज्ञानी व्यक्ति मूखों से भी बहुत कुछ सीख लेता है।

क्षमा धर्म है, क्षमा यज्ञ है, क्षमा वेद है और क्षमा शास्त्र है। इसको जानने वाला सब कुछ क्षमा करने योग्य हो जाता है।

अच्छे कर्म करने का अगर करो वादा, तो शनि देव किसी काम में नहीं डालेंगे बाधा। जय श्री शनि देव महराज

दुनिया में हर इंसान अलग है, इसलिए जो जैसा है उसे वैसा स्वीकार करना सीखें।

जिंदगी में सच के साथ हमेशा चलते रहिये, तो वक्त आपके साथ अपने आप चलने लगेगा।

उन पर ध्यान मत दीजिए जो आपकी पीठ पीछे बातें करते हैं। इसका सीधा सा अर्थ है आप उनसे दो कदम आगे हैं।

एक शांत और स्थाई चित्त हर विप्पति से निकलने का रास्ता निकाल लेता है।

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