देवुत्थान एकादशी 2024: शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और कथा – Devuthani Ekadashi 2024 Date, Shubh Muhurat, Significance, Story in Hindi

Devuthani Ekadashi 2024:हिंदू धर्म में देवुत्थान एकादशी का विशेष स्थान है। इसे ‘देव प्रबोधिनी एकादशी’ या ‘देवउठनी ग्यारस’ भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा के बाद जागते हैं, जिसे चातुर्मास कहा जाता है। देवों के जागने के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत होती है, जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश आदि। यही कारण है कि इस एकादशी को मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश माना जाता है।

Devuthani Ekadashi 2024: शुभ मुहूर्त 2024

देवुत्थान एकादशी का व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल देवुत्थान एकादशी 15 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी।
तिथि का आरंभ: 14 नवंबर 2024 को रात 10:30 बजे से
तिथि का समापन: 15 नवंबर 2024 को रात 9:45 बजे तक
पूजा का शुभ मुहूर्त: प्रातः 6:00 बजे से 8:00 बजे तक रहेगा।

Devuthani Ekadashi 2024: देवुत्थान एकादशी व्रत की विधि

प्रातः स्नान और संकल्प: इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत का संकल्प लें। शुद्ध वस्त्र पहनें और पूजा स्थान को सजाएं।
भगवान विष्णु की पूजा: तुलसी के पौधे के पास भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति रखें। दीप प्रज्वलित कर भगवान विष्णु का ध्यान करें।
तुलसी विवाह: इस दिन तुलसी का विवाह शालिग्राम से कराने की परंपरा है। तुलसी माता को मेहंदी, कुमकुम, चूड़ी आदि से सजाकर शालिग्राम के साथ विवाह कराने का विधान है।

व्रत कथा: व्रत कथा सुनना या पढ़ना अनिवार्य है। कथा सुनने से मन में श्रद्धा और भक्ति का संचार होता है।
आरती और भोग: पूजा के अंत में विष्णु जी की आरती करें और भोग में तुलसी पत्र चढ़ाएं।
रात्रि जागरण: इस दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। भक्तजन रात भर भजन-कीर्तन करते हैं।

Devuthani Ekadashi 2024

Devuthani Ekadashi 2024:देवुत्थान एकादशी व्रत कथा

पुराणों के अनुसार एक बार देवताओं और असुरों के बीच घोर युद्ध हुआ जिसमें देवताओं की हार होने लगी। देवता, भगवान विष्णु के पास सहायता के लिए गए। भगवान विष्णु ने वचन दिया कि वे निद्रा में जाने से पहले चार महीने बाद पुनः जाग्रत होकर उनकी रक्षा करेंगे। देवताओं ने चार महीने तक विष्णु की उपासना की। जब भगवान विष्णु जागे, तब उन्होंने असुरों को पराजित कर देवताओं की रक्षा की। तभी से यह मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु जागते हैं और संसार को नई ऊर्जा प्रदान करते हैं।

Devuthani Ekadashi 2024:देवुत्थान एकादशी का महत्व

इस एकादशी पर भगवान विष्णु और माता तुलसी की विशेष पूजा होती है। इसे धर्म और कर्म का मिलन माना जाता है। इस दिन भगवान की कृपा से सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। चातुर्मास के बाद विवाह और अन्य शुभ कार्य भी इसी दिन से प्रारंभ होते हैं।

व्रत के लाभ

देवुत्थान एकादशी का व्रत करने से सभी पाप समाप्त होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह व्रत सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान देता है। व्रती के मन में शांति और संतोष का संचार होता है।

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