Damodar Dwadashi 2024:भगवान् विष्णु के कई नाम है, उन्हीं में से एक है ‘दामोदर’। उनके इसी नाम पर एक द्वादशी व्रत किया जाता है, जिसे दामोदर द्वादशी कहते हैं। ‘दामोदर द्वादशी’ का व्रत श्रवण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को किया जाता है। इस दिन सभी भक्त भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ व्रत व पूजा पाठ का अनुष्ठान करते हैं।
इस लेख में जानेंगे-
1. दामोदर द्वादशी कब है?
2. दामोदर द्वादशी का महत्व क्या है?
3. दामोदर द्वादशी के अनुष्ठान क्या है?
4. दामोदर द्वादशी व्रत के लाभ क्या है?
Damodar Dwadashi 2024: दामोदर द्वादशी कब है?
दामोदर द्वादशी 16 अगस्त 2024, शुक्रवार को (श्रावण, शुक्ल, द्वादशी तिथि)
• द्वादशी तिथि प्रारम्भः 16 अगस्त, शुक्रवार, 09:39 AM से
• द्वादशी तिथि समापनः 17 अगस्त, शनिवार, 08:05 AM तक
Damodar Dwadashi 2024:इस दिन के अन्य शुभ मुहूर्त-
• ब्रह्म मुहूर्त- 04:24 AM से 05:08 AM तक
• प्रातः सन्ध्या- 04:46 AM से 05:51 AM तक
• अभिजित मुहूर्त- 11:59 AM से 12:51 PM तक
• विजय मुहूर्त- 02:36 AM से 03:29 PM तक
• गोधूलि मुहूर्त- 06:59 PM से 07:21 PM तक
• सायाह सन्ध्या-06:59 PM से 08:04 PM तक
• अमृत काल- 06:22 AM से 07:57 AM तक
• निशिता मुहूर्त- 17 अगस्त को 12:04 AM से 12:47 AM तक
Damodar Dwadashi 2024: दामोदर द्वादशी का महत्व क्या है?
दामोदर द्वादशी भगवान विष्णु को समर्पित है और उनके सभी भक्तों के लिए ये एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत करने वाले भक्तों पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख एवं समृद्धि का आगमन होता है।
हिंदू धर्म में श्रावण मास को अत्यंत पवित्र महीना माना गया है, इस मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की पूजा श्रवण महीने को अधिक शुभ एवं लाभकारी बना देती है। मान्यताओं के अनुसार जो जातक पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ दामोदर द्वादशी व्रत का पालन करते है, उन्हें मृत्यु के पश्चात् मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्रवण मास में पड़ने वाली दामोदर द्वादशी के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को चावल, फल और वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है।
Damodar Dwadashi 2024: दामोदर द्वादशी के अनुष्ठान क्या हैं?
• इस दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यक्रियाओं से निवृत होने के पश्चात् स्नान करें।
• अब स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद पूजा स्थल को भी स्वच्छ कर लें।
• अब आप पूजा स्थल पर दीप प्रज्वलित करें।
• इसके बाद आप भगवान विष्णु की प्रतिमा को एक आसन पर स्थापित करके उन्हें धूप, अक्षत, अष्टगंध, फूल, फल, मिठाई, पंचामृत, तुलसीदल आदि अर्पित करें।
• इसके बाद आप विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और भगवान जी की आरती उतारें।
• अंत में पूजा में हुई किसी प्रकार की भूल के लिए भगवान से क्षमा मांगें और लोगों में प्रसाद वितरित करें। • पूजा के बाद आप फलाहार ग्रहण कर सकते है, इस दिन अन्न का सेवन बिल्कुल न करें।
• अगले दिन भगवान जी की पूजा-अर्चना और ब्राह्मणों को दान देने के पश्चात् ही व्रत का पारण करें।
• दामोदर द्वादशी का उपवास तोड़ने के बाद मीठा खाना व खिलाना बहुत शुभ माना गया है।
• अगर आपके घर के आसपास भगवान विष्णु का कोई मंदिर है तो दामोदर द्वादशी पर वहाँ जाकर उनके दर्शन करें और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मांगे।
Damodar Dwadashi 2024:दामोदर द्वादशी व्रत के लाभ क्या हैं?
• ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति दामोदर द्वादशी तिथि के दिन पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान विष्णु का पूजन करता है उसे अग्नष्टोम यज्ञ का फल प्राप्त होता है
• इस व्रत को करने वाले भक्तों को गोमेध यज्ञ का भी फल प्राप्त होता है।
इस दिन ब्राह्मणों को चावल, अनाज, फल और वस्त्र दान करने से जातक को कभी भी धन सम्मान की कमी नहीं होती है।
• सच्चे मन से इस दिन पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु अपने भक्त के सभी दुख दूर करते हैं।
इस व्रत का पालन करने वाले व्यक्ति की आत्मा शुद्ध हो जाती है, और उसे मृत्यु के पश्चात् स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
Looking to get millions of people to discover your website economically?
Check out: http://w8l0bk.get-fast-results-with-contactformblasting.xyz
Hello! It looks like your business could qualify for tens of thousands in tax credits each year. Our software automatically finds and applies these credits, and we only get paid if we secure your savings. Would you like us to take a free look? Please reply to me at my contact info below.
Melissa Lang
NestWorth.US
(800) 481-2198
Info@NestWorth.US