चौदस तिथि 2024:chaudas kab ki hai जाने फाल्गुन चौमासी चौदस की समग्र जानकारी

चौदस तिथि 2024:chaudas kab ki hai:चौमासी चौदस का पर्व जैन समुदाय के लोगों के लिए सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। चौमासी चौदस की अवधि के दौरान सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। साथ ही लोग इस दौरान आपस में क्षमा-याचना कर अपने प्रिय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाते हैं।

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इस लेख के मुख्य बिंदु chaudas kab ki hai की समग्र जानकारी

• चौमासी चौदस क्यों मनाया जाता है?

• 2024 में चौमासी चौदस कब है?

• चौमासी चौदस का महत्व

• चौमासी चौदस के दौरान किए जाने वाले कार्य

क्षमा मांगने का समय

चौमासी चौदस क्यों मनाया जाता है?

चौमासी चौदस पर्व का उद्देश्य लोगों को सत्य एवं अहिंसा के मार्ग पर चलना सिखाना है। इस पर्व की अवधि के दौरान जैन समुदाय द्वारा भगवान महावीर द्वारा दिए गए ज्ञान और उपदेशों को अपनाने की प्रतिबद्धता ली जाती है।

2024 में चौमासी चौदस कब-कब है?

• फाल्गुन चौमासी चौदस 24 मार्च, रविवार को मनाई जाएगी।

• इसके बाद आषाढ़ चौमासी चौदस 20 जुलाई, रविवार को होगी।

• कार्तिक चौमासी चौदस 14 नवंबर, गुरुवार को होगी।

चौमासी चौदस का महत्व

जैन धर्म एक ऐसा धर्म है जो अहिंसा परमो धर्म पर बल देता है, और चौमासी चौदस इसी संकल्प को जनमानस तक पहुंचाने का एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण पर्व है। इस पर्व के दौरान जैन धर्म के संत और अनुयायी एक साथ बैठकर भगवान महावीर द्वारा दी गई शिक्षाओं पर चर्चा करते हैं, साथ ही कई धार्मिक गतिविधियां भी होती हैं। चौमासी चौदस पर्व पर पूजा, दान एवं कोई भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

 

चौमासी चौदस में किए जाने वाले कार्य (chaudas kab ki hai)

• चौमासी चौदस के दौरान जैन धर्म अपने अनुयायियों को आंतरिक शुद्धि करने के लिए प्रेरित करता है।

• इस पर्व पर जैन समुदाय के लोग अपने घरों एवं कार्यालयों को स्वच्छ करते हैं, और नए वस्त्र धारण करते हैं।

• चौमासी चौदस की अवधि में दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है।

• इस पर्व के दौरान जैन धर्म के लोग उपवास रखते हैं, एवं किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं। चौमासी चौदस की अवधि में उपवास रखने वाले लोग दिन में केवल एक ही बार भोजन करते हैं।

इन चार महीनों में जैन समुदाय के संत ध्यान एवं जप-तप करने में लीन रहते हैं।

• इस पर्व के दौरान लोग अपने घरों में जैन संतों को आमंत्रित करते हैं, और उनसे धार्मिक प्रवचन सुनते हैं।

क्षमा मांगने का समय

चौमासी चौदस की अवधि के समय ही पर्यूषण पर्व आता है, जो कि जैन धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहार माना जाता है। पर्यूषण पर्व पर लोग अपने द्वारा की कई किसी भी भूल के लिए अपने सगे संबंधियों से क्षमा-याचना करते हैं।

तो यह थी फाल्गुन चौमासी चौदस से जुड़ी जानकारी, हम आशा करते हैं कि आपका व्रत एवं प्रार्थना सफल हो।

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