Falgun Month 2024:फाल्गुन मास को आनंद, उल्लास और त्योहारों का महीना कहा जाता है। इस माह से सर्दी कम होने लगती है और धीर-धीर गर्मी की शुरुआत होती है। ये महीना धार्मिक दृष्टि से काफ़ी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि फाल्गुन में महाशिवरात्रि, और होली जैसे कई बड़े पर्व आते हैं।
Falgun Month 2024: आज के इस लेख में हम जानेंगे
• क्या है फाल्गुन मास?
• कब से प्रारंभ होगा फाल्गुन मास ?
• फाल्गुन महीने का धार्मिक महत्व
• फाल्गुन में किन देवी-देवताओं का पूजन करें?
• फाल्गुन महीने में दान का महत्व
क्या है फाल्गुन मास?
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह साल का बारहवां और अंतिम महीना होता है। फाल्गुन पूर्णिमा को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र पड़ता है, इसलिए इस महीने का नाम फाल्गुन है।
कब से प्रारंभ होगा फाल्गुन मास?
फाल्गुन माह रविवार, 25 फरवरी 2024 से 26 मार्च मंगलवार 2024 तक रहेगा।
ये है फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व
हमारे देश में साल के 12 महीने कोई न कोई धार्मिक पर्व आते रहते हैं, लेकिन फाल्गुन मास के धार्मिक महत्व की बात करें, तो इस माह में भगवान विष्णु व शिव जी से जुड़े दो पर्व आते हैं-
फाल्गुन महीने की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि होती है।
फाल्गुन शुक्लपक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित आमलकी एकादशी का व्रत किया जाता है।
फाल्गुन में इन देवी-देवताओं की पूजा अवश्य करें
वैसे तो हम हर दिन किसी देवी-देवता की आराधना अवश्य करते हैं, लेकिन कुछ महीने ऐसे हैं, जिनमें भगवान की आराधना करने पर वो ‘भक्तों से अति प्रसन्न होते हैं, और अपनी विशेष कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं।-
फाल्गुन मास में श्रीकृष्ण की पूजा करना बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। इस महीने भगवान श्रीकृष्ण के 3 स्वरूपों- बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण की पूजा करने का विधान है।
वहीं, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन मास में ही चंद्रदेव का जन्म हुआ था, इसलिए इस महीने चंद्र देव की भी पूजा की जाती है।
माना जाता है कि शारीरिक रोगों से मुक्ति पाने के लिए फाल्गुन का महीना श्रेष्ठ होता है। इस माह में शिव जी को सफेद चंदन चढ़ाने से स्वास्थ्य उत्तम होता है।
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली और लक्ष्मी जयंती मनाई जाती है। इस पूर्णिमा पर व्रत करने का भी विधान है।
मान्यता है कि फाल्गुन मास में माता लक्ष्मी की पूजा करने से निर्धनता समाप्त होती है।
फाल्गुन मास में दान का महत्व
जिस तरह माघ के महीने में दान-पुण्य का महत्व है, वैसे ही फाल्गुन माह में भी दान देना बहुत ही लाभप्रद माना जाता है। अपनी सामर्थ्य एवं श्रद्धा के अनुसार जरूरतमंदों को दान और पितरों को तर्पण अवश्य करना चाहिए। फाल्गुन के महीने में शुद्ध घी, सरसों का तेल, तिल और फल आदि का दान करने से विशेष पुण्यफल प्राप्त होता है। इसके साथ ही फाल्गुन माह गंगा माता और सूर्य भगवान की कृपा पाने के लिए भी विशेष है।
फाल्गुन मास की कथा:
एक बार की बात है, फाल्गुन मास आया। सूर्य की किरणें खिल उठीं, और प्रकृति ने अपनी शोभा में रंग भर दिया। गर्मी के मौसम के साथ ही आत्मा में नई ऊर्जा का आभास हुआ।
इस महीने की शुरुआत ही धरती को नया जीवन देने वाली होती है। प्रकृति का रंग, सबको आनंद देता है और उन्हें जीवन के साथ संबंधित नई आशा देता है।
इस महीने की कथा में, हमे एक युवा लड़की की कहानी सुनाई जाती है। उसका नाम सुरभि था। वह एक साधारण लड़की थी, लेकिन उसके मन में विचारों की एक झरना बह रही थी।
फाल्गुन मास के आगमन के साथ, सुरभि ने नई उम्मीदों के साथ नए सपनों की ओर बढ़ने का निर्णय किया। उसने अपने जीवन के प्रति नई संकल्प किए और सपनों को हकीकत में बदलने का संकल्प किया।
फाल्गुन मास की धूप में, सुरभि ने अपने सपनों की पूर्ति के लिए कड़ी मेहनत की। उसने हार नहीं मानी, बल्कि अपने लक्ष्य की ओर प्रगति की।
फाल्गुन मास की कथा हमें यह सिखाती है कि जीवन में नई शुरुआत कभी भी हो सकती है। हमें अपने सपनों को जीने का साहस और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा मिलती है। फाल्गुन मास की इस कथा में हमें संघर्ष की महत्वपूर्णता और नई उम्मीदों की शक्ति का संदेश देता है।
आशा है कि इस लेख से आपको फाल्गुन मास की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी।