वास्तु शास्त्र से जाने मकान की नींव में चांदी से बने सांप का महत्व और इसके पीछे के राज

वास्तु शास्त्र :- मकान की नींव में कलश और चांदी से बना सांप डालने की परंपरा बहुत पुरानी है। हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भवन निर्माण के समय नींव में कलश या फिर चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बनवाकर डाले जाते हैं। आइये जानते हैं इसके पीछे की धार्मिक और वास्तु दोनों मान्यताएं।

वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र में चांदी से बना सांप की धार्मिक मान्यता

धार्मिक मान्यता के अनुसार, पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी हुई है। शेषनाग को देवताओं का रक्षक माना जाता है। इसलिए, मकान की नींव में चांदी से बना नाग-नागिन का जोड़ा डालने से माना जाता है कि मकान मजबूती के साथ खड़ा रहेगा और उसे किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचेगी। साथ ही, बुरी शक्तियों से भी रक्षा होगी।

ब्रह्मांड का प्रतीक है कलश वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र के अनुसार, मकान की नींव में कलश डालने से घर में सुख-समृद्धि आती है। कलश को ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है। इसमें दूध, दही, घी, चावल, सिक्का और सुपारी रखकर पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

भूमि पूजन के लिए सही दिशा (वास्तु शास्त्र)

भूमि पूजन के लिए सही दिशा पूर्वोत्तर (ईशान कोण) मानी जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ईशान कोण को सबसे शुभ दिशा माना जाता है। इस दिशा में भगवान ब्रह्मा का वास माना जाता है। इसलिए, इस दिशा में भूमि पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार:-मकान की नींव रखते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान ! 

मकान की नींव एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। यह घर के भार को सहन करती है और उसे मजबूती प्रदान करती है। इसलिए, मकान की नींव रखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

भूमि का परीक्षण

मकान की नींव रखने से पहले भूमि का परीक्षण करना आवश्यक है। यह पता लगाना चाहिए कि भूमि कितनी मजबूत है और वह कितने भार को सहन कर सकती है। भूमि परीक्षण के लिए किसी अनुभवी भू-वैज्ञानिक से सलाह लेनी चाहिए।

नींव की गहराई

नींव की गहराई भूमि की मजबूती और मकान की ऊंचाई पर निर्भर करती है। सामान्य तौर पर, नींव की गहराई मकान की ऊंचाई के आधे से दो-तिहाई तक होनी चाहिए।

नींव की चौड़ाई

नींव की चौड़ाई मकान की दीवारों की चौड़ाई से कम से कम दोगुनी होनी चाहिए।

नींव की सामग्री

नींव के लिए मजबूत और टिकाऊ सामग्री का उपयोग करना चाहिए। आमतौर पर, नींव के लिए कंक्रीट का उपयोग किया जाता है।

नींव का निर्माण

नींव का निर्माण करते समय सभी मानकों का पालन करना चाहिए। नींव के निर्माण के लिए किसी अनुभवी ठेकेदार से सलाह लेनी चाहिए।

नींव की पूजा

नींव डालने के बाद उसकी पूजा करना चाहिए। पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

नींव में कलश और सांप रखना वास्तु शास्त्र के अनुसार, मकान की नींव में कलश और सांप रखना शुभ माना जाता है। कलश को ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है और सांप को देवताओं का रक्षक माना जाता है। इसलिए, यह माना जाता है कि कलश और सांप रखने से मकान मजबूत और सुखी रहता है।

नींव में कलश और चांदी से बना सांप डालने की विधि (वास्तु शास्त्र)

• नींव डालने से पहले एक पवित्र स्थान पर कलश और चांदी से बना सांप रखें।

• कलश में दूध, दही, घी, चावल, सिक्का और सुपारी रखें।

• सांप को कलश के ऊपर रखें।

• किसी पंडित या पुजारी से कलश और सांप की पूजा करवाएं।

• पूजा के बाद कलश और सांप को नींव में दबा दें।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भवन निर्माण करते समय नींव में कलश या नाग-नागिन का जोड़ा डालने की परम्परा पौराणिक है। आशा करते हैं इस लेख द्वारा प्रदान की गई जानकारी आपको पसंद आई होगी इस तरह की अन्य जानकारियों के लिए जुड़े रहें “धार्मिक सुविचार” के साथ🙏

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