Rama lakshmana Dwadashi 2024: राम लक्ष्मण द्वादशी कब है? जाने रामलक्ष्मण द्वादशी की सम्पूर्ण जानकारी

Rama lakshmana Dwadashi: इस दिन भगवान गोविंद विठ्ठलनाथजी की भी उपासना करने का विधान है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को राम लक्ष्मण द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा इस विशेष दिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम व शेषनाग के अवतार श्री लक्ष्मण की विधिवत् पूजा की जाती है।
लेख के प्रमुख बिंदु

Rama lakshmana Dwadashi

•राम लक्ष्मण द्वादशी कब है?

•राम लक्ष्मण द्वादशी को चंपक द्वादशी क्यों कहा जाता है?

• राम लक्ष्मण द्वादशी का महत्व

•राम लक्ष्मण द्वादशी के लाभ

• राम लक्ष्मण द्वादशी के अनुष्ठान

Rama lakshmana Dwadashi: राम लक्ष्मण द्वादशी कब है?

राम लक्ष्मण द्वादशी ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर मनाई जाएगी।

साल 2024 में ये तिथि 18 जून मंगलवार को पड़ रही है।

Rama lakshmana Dwadashi: इस द्वादशी को चंपक द्वादशी क्यों कहा जाता है?

राम लक्ष्मण द्वादशी के अवसर पर भगवान गोविंद विठ्ठलनाथजी यानि श्रीकृष्ण की भी उपासना की जाती है। भगवान कृष्ण को चंपा

के पुष्प अति प्रिय हैं, इसलिए इस विशेष दिन उनके पूजन व श्रृंगार में चंपा के फूलों का प्रयोग किया जाता है। यही कारण है कि राम

लक्ष्मण द्वादशी को चंपक द्वादशी भी कहा जाता है।

Rama lakshmana Dwadashi: राम लक्ष्मण द्वादशी का महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि जितना महत्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी, अर्थात् निर्जला एकादशी का है, उतना ही महत्वपूर्ण राम लक्ष्मण द्वादशी भी है। यह दिन इस लिए भी विशेष माना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान राम, लक्ष्मण और श्री कृष्ण तीनों की ही एक साथ उपासना की जाती है।

Rama lakshmana Dwadashi

इस अवसर पा भक्त भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम, शेषनाग के अवतार श्री लक्ष्मण एवं श्रीगोविंद विठ्ठलनाथजी की प्रतिमा की विधि विधान से पूजा करते हैं।

राम लक्ष्मण द्वादशी को लेकर एक मान्यता ऐसी भी है, कि त्रेता युग में महाराज दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए इसी द्वादशी तिथि का व्रत किया था, जिसके प्रभाव के कारण ही उन्हें राम लक्ष्मण जैसी संतानों की प्राप्ति हुई थी।

Rama lakshmana Dwadashi: राम लक्ष्मण द्वादशी के लाभ

• ऐसा माना जाता है कि चंपक द्वादशी के दिन चंपा के फूलों से भगवान श्री कृष्ण की पूजा व विधिवत् श्रृंगार करने से जातक को मृत्यु के पश्चात् मोक्ष की प्राप्ति होती है।

• इस अवसर पर सच्चे मन से राम, लक्ष्मण व कृष्ण की उपासना करने से व्यक्ति की सभी प्मनोकामनायें पूर्ण होती हैं।

राम लक्ष्मण द्वादशी तिथि पर व्रत रखने और तीनों देवों के दर्शन मात्र से ही समस्त पाप नष्ट होते हैं, और जीवन में सुख समृद्धि आती है।

Rama lakshmana Dwadashi: राम लक्ष्मण द्वादशी के अनुष्ठान

• राम लक्ष्मण द्वादशी के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, और राम, लक्ष्मण व श्री कृष्ण का ध्यान करें।

• यदि संभव हो तो इस दिन उपवास रखने का संकल्प लें

• अब किसी मंदिर या घर के पूजास्थल पर जाकर भगवान कृष्ण और राम-लक्ष्मण की विधिवत् पूजा करें।

• पूजा की थाल में कुमकुम, चंदन, चावल, धूप व दीपक आदि रखें। इसके पश्चात् दीपक जलाकर भगवान को चंपा के पुष्प की

•माला पहनाएं और मस्तक पर चंदन का टीका लगायें।

• भोग के रूप में सभी देवों को पंचामृत व फल अर्पित करें।

तो भक्तों ये तो थी राम लक्ष्मण द्वादशी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी। हमारी कामना है कि इस अवसर पर आपकी आराधना सफल हो और आप पर भगवान राम, लक्ष्मण, श्री कृष्ण तीनों की कृपा सदैव बनी रहे।

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