Akshaya Tritiya 2025 एक अत्यंत शुभ और पवित्र तिथि मानी जाती है। इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने से उसका फल अक्षय यानी कभी समाप्त न होने वाला होता है। आइए जानते हैं इस पर्व का महत्व, पूजा की विधि, सोना खरीदने की मान्यता और 2025 के लिए शुभ मुहूर्त।
What is Akshaya Tritiya (अक्षय तृतीया क्या है?)
अक्षय तृतीया हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह एक ऐसा पर्व है जो स्वयं सिद्ध मुहूर्त होता है अर्थात किसी भी कार्य के लिए शुभ समय देखने की आवश्यकता नहीं होती। इस दिन किए गए कार्यों का फल अनंतकाल तक अक्षय बना रहता है।
Mythological Background (पौराणिक कथा)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म हुआ था। इसी दिन महाभारत का लेखन भगवान गणेश ने वेदव्यास जी के कहने पर आरंभ किया था। साथ ही यह भी कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को अक्षय पात्र इसी दिन प्रदान किया था।
Akshaya Tritiya 2025: Date & Shubh Muhurat (तिथि और शुभ समय)
वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया का पर्व 30 मई, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
विवरण | समय |
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तृतीया तिथि प्रारंभ | 29 मई 2025, रात 11:29 बजे |
तृतीया तिथि समाप्त | 31 मई 2025, रात 1:12 बजे |
पूजा का शुभ समय | 30 मई 2025, सुबह 5:27 से दोपहर 12:45 तक |
Vrat and Puja Vidhi (व्रत एवं पूजा विधि)
इस दिन प्रातःकाल स्नान कर के साफ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा में गंगाजल, चंदन, फूल, तुलसी पत्र, पीतांबर वस्त्र, अक्षत, मिठाई आदि का प्रयोग करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और अंत में गरीबों को दान दें।
Do’s and Don’ts on Akshaya Tritiya 2025 (क्या करें और क्या न करें?)
- इस दिन सोना, चांदी, जमीन या वाहन खरीदना शुभ माना जाता है।
- झूठ बोलने, नशा करने और विवाद से बचना चाहिए।
- दान देना, गौ सेवा करना और भोजन वितरण करना अत्यंत पुण्यदायी होता है।
Why Gold Buying is Auspicious on Akshaya Tritiya 2025? (सोना खरीदने की मान्यता)
सोना समृद्धि, वैभव और माँ लक्ष्मी का प्रतीक होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खरीदा गया सोना कभी भी हानि नहीं देता और परिवार में धन की वृद्धि होती है।
Sacred Stories Related to Akshaya Tritiya 2025 (पौराणिक कथाएँ)
भगवान परशुराम का जन्म इसी दिन हुआ था, जो धर्म और न्याय की स्थापना के लिए जाने जाते हैं। महाभारत के अनुसार, जब पांडव वनवास में थे तब श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को अक्षय पात्र दिया था जिससे कभी भोजन समाप्त नहीं होता था।
Social Significance and Modern Practices (सामाजिक महत्व और आधुनिक परंपराएँ)
आज के युग में अक्षय तृतीया पर ऑनलाइन पूजा, ई-दान और डिजिटल सोना (Gold Bonds) खरीदना आम हो गया है। लोग सामूहिक विवाह, वृक्षारोपण और शिक्षा संबंधी दान को भी प्राथमिकता दे रहे हैं।
FAQs – Frequently Asked Questions (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
- Q1: अक्षय तृतीया 2025 में कब है?
A1: 30 मई 2025, शुक्रवार को है। - Q2: क्या इस दिन व्रत अनिवार्य है?
A2: नहीं, लेकिन व्रत रखने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। - Q3: क्या विवाह इस दिन बिना मुहूर्त हो सकता है?
A3: हाँ, यह दिन स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। - Q4: क्या ऑनलाइन पूजा भी प्रभावी होती है?
A4: श्रद्धा के साथ की गई कोई भी पूजा प्रभावी होती है। - Q5: सोना न खरीद सकें तो क्या करें?
A5: पीतल, तांबे या स्टील की वस्तु भी खरीदी जा सकती है। - Q6: क्या इस दिन कोई निवेश करना शुभ है?
A6: हाँ, यह दिन निवेश, व्यवसाय और संपत्ति खरीद के लिए उत्तम होता है।
Conclusion: Tradition Meets Modernity (संस्कृति और आधुनिकता का संगम)
अक्षय तृतीया (30 मई 2025) केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, आस्था और सामाजिक चेतना का प्रतीक है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य कर आप अपने जीवन में अक्षय सुख और समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं।