Tulsidas Jayanti 12 August 2024 : “तुलसीदास जयंती कब है ?” तुलसीदास जयंती की सम्पूर्ण जानकारी When is Tulsidas Jayanti? Complete information about Tulsidas Jayanti

Tulsidas Jayanti तुलसीदास जयंती हिंदी साहित्य के एक महान कवि गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। तुलसीदास जी को हिंदी साहित्य का आधार माना जाता है और उनकी रचनाएं, विशेषकर रामचरितमानस, सदियों से लाखों लोगों को प्रेरित करती रही है। आइए जानते हैं, तुलसीदास जयंती कब है, इस दिन का महत्व क्या है और उनके जीवन से जुडी मुख्त जानकारी…

Tulsidas Jayanti

तुलसीदास जयंती Tulsidas Jayanti कब है ?

• तुलसीदास जयंती 12 अगस्त, सोमवार को मनाई जाएगी।

• सप्तमी तिथि 11 अगस्त, रविवार को प्रातः 05 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ होगी।

• सप्तमी तिथि 12 अगस्त, सोमवार को प्रातः 07 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी।

तुलसीदास जयंती Tulsidas Jayanti का महत्व

तुलसीदास जयंती हमें तुलसीदास जी के जीवन और उनकी रचनाओं के बारे में जानने का एक अवसर प्रदान करती है। यह हमें उनके आदर्शों, उनके भक्ति भाव और उनकी भाषा की सरलता से प्रेरित होने का मौका देती है। तुलसीदास जयंती को भारत के कई हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और रामचरितमानस का पाठ किया जाता है।

तुलसीदास Tulsidas Jayanti जी ने कौन-कौनसी रचनाएं लिखीं ?

रामचरितमानस यह उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना है और इसे हिंदी साहित्य का महाकाव्य माना जाता है। इस ग्रंथ में उन्होंने वाल्मीकि रामायण को अवधी भाषा में इतने सरल और मार्मिक ढंग से लिखा है कि यह आम जनता के लिए आसानी से समझ में आ जाता है।

विनयपत्रिका इस ग्रंथ में तुलसीदास जी ने भगवान राम से अपनी विनय की गई है। इसमें उन्होंने अपनी भक्ति भावना को बहुत ही मार्मिक ढंग से व्यक्त किया है।

दोहावली इसमें तुलसीदास जी ने दोहों के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त किया है। इन दोहों में उन्होंने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला है।

गीतावली इस ग्रंथ में तुलसीदास जी ने भगवद्गीता के श्लोकों का अवधी भाषा में अनुवाद किया है।

कवितावली इस ग्रंथ में तुलसीदास जी ने विभिन्न विषयों पर कविताएं लिखी है।

श्रीकृष्ण-गीतावली इस ग्रंथ में तुलसीदास जी ने श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं का वर्णन किया है।

बरवै रामायण यह रामचरितमानस का ही एक संक्षिप्त रूप है।

पार्वती-मंगल और जानकी-मंगल ये दोनों ग्रंथ देवी पार्वती और माता सीता की संस्तुति में लिखे गए है।

रामाज्ञाप्रश्न 

इस ग्रंथ में तुलसीदास जी ने राम से कुछ प्रश्न पूछे है और उनके उत्तर भी दिए है।

तुलसीदास Tulsidas Jayanti जी का जन्म कहां हुआ था ?

Tulsidas Jayanti

विद्वानों का मानना है कि तुलसीदास जी का जन्म सोरोन, उत्तर प्रदेश में हुआ था। कहा जा सकता है कि उन्होंने भगवान राम के प्रति गहरा भक्तिभाव रखा था और उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से रामकथा को आम जनता तक पहुंचाया।

रामचरितमानस के कितने सोपान हैं

• बालकांड इस कांड में भगवान राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक की घटनाओं का वर्णन किया गया है।

• अयोध्याकांड इस कांड में राम को वनवास जाने और सीता के हरण की घटनाओं का वर्णन किया गया है।

• अरण्यकांड इस कांड में राम, सीता और लक्ष्मण के वनवास का वर्णन किया गया है।

•किष्किंधाकांड इस कांड में राम और लक्ष्मण की मुलाकात हनुमान से होती है और सीता की खोज शुरू होती है।

•सुंदरकांड इस कांड में हनुमान लंका पहुंचते है और सीता को ढूंढते है।

• लंकाकांड इस कांड में राम लंका पर आक्रमण करते हैं और रावण का वध करते हैं।

• उत्तरकांड इस कांड में राम अयोध्या लौटते है और राज्याभिषेक होता है।

तुलसीदास Tulsidas Jayanti जी का योगदान

तुलसीदास जी ने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से भक्ति आंदोलन को गति दी और हिंदी भाषा को समृद्ध किया। उनकी रचनाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी वे सदियों पहले थीं।

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