Vaishakh Mahina 2024: वैशाख हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हिन्दू वर्ष का दूसरा मास होता है। ग्रेगेरियन कैलेंडर में वे अप्रैल व मई का महीना होता है। आज के इस लेख में आपको वैशाख प्रारंभ उत्तर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी मिलेगी।
लेख के मुख्य बिंदु
•वैशाख मास कब से शुरू हो रहा है?
• इस मास को वैशाख क्यों कहा जाता है?
•वैशाख माह का महत्व
•वैशाख मास में क्यों खुलते हैं देव मंदिरों के पट?
• देश-विदेश में वैशाख मास से जुड़ी मान्यताएं
वैशाख मास कब से शुरू हो रहा है? (Vaishakh Mahina 2024)
चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन से ही वैशाख के महीने का आरंभ हो जाता है, जो वैशाख पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है। साल 2024 में वैशाख मास 24 अप्रैल बुधवार से शुरू हो रहा है। जिसकी समाप्ति 22 मई 2024 को होगी।
इस मास को वैशाख क्यों कहा जाता है? (Vaishakh Mahina 2024)
हिन्दू महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं, और महीनों का बदलाव चन्द्र चक्र पर निर्भर करता है। यानि चन्द्रमा जिस नक्षत्र पर होता है उस महीने का नाम भी उसी नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है। इस प्रकार वैशाख मास की पूर्णिमा को चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में रहते हैं, इसलिए इस महीने को वैशाख मास कहा जाता है।
Vaishakh Mahina 2024: वैशाख मास का महत्व
• वैशाख मास में भगवान विष्णु की उपासना करने का विशेष महत्व है।
• ऐसी मान्यता है कि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु ने कई अवतार लिए थे, जैसे नर-नारायण,परशुराम, नृसिंह और हायग्रीव अवतार आदि।
• एक मान्यता के अनुसार ये भी कहा जाता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी को देवी लक्ष्मी माता सीता के रूप में पृथ्वी से प्रकट हुई थीं।
• पुराणों के अनुसार त्रेतायुग का आरंभ भी वैशाख माह से ही हुआ था।
वैशाख मास में क्यों खुलते हैं देव मंदिरों के पट?( Vaishakh Mahina 2024)
• वैशाख माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही वैशाख मास में अनेक देव मंदिरों के पट खोले जाते हैं, और कई महोत्सवों का आयोजन होता है।
• हिन्दू धर्म के चार धाम में से एक बद्रीनाथधाम के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं।
• वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को एक और हिन्दू तीर्थ धाम पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकालने की परंपरा है।
• वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या को देववृक्ष वट की पूजा करने की भी परंपरा है।
देश-विदेश में वैशाख मास से जुड़ी मान्यताएं( Vaishakh Mahina 2024)
• वैशाख मास की पूर्णिमा को दक्षिण व दक्षिण पूर्व एशिया, तिब्बत एवं मंगोलिया के बौद्धों के मध्य बुद्ध पूर्णिमा या गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
• वैशाख शुक्ल पंचमी को हिंदू धर्म के धर्मशास्त्री एवं महान दार्शनिक आदि शंकराचार्य के जन्मदिन के रूप में मनाने की परंपरा है।
• तमिलनाडु में वैशाख पूर्णिमा को ‘वैकाशी विशाकम’ नाम से मनाया जाता है, जिसे भगवान मुरुगन के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है। आपको बता दें कि ‘मुरुगन’ भगवान शिव जी के ज्येष्ठ पुत्र हैं।
• वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सिंहाचलम में श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामीवारी मंदिर में नरसिंह जयंती उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है।
तो दोस्तों, ये तो थी वैशाख प्रारंभ उत्तर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी।
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