Ram Mandir Ayodhya:- जानिए राम मंदिर के द्वार की विशेषताएं

अयोध्या में भव्य Ram Mandir Ayodhya में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस आयोजन से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि मंदिर परिसर से लेकर राम लला के वस्त्र तक हर वस्तु को भव्य रूप दिया जाये, जिसमें राम मंदिर के दरवाजों को भी बेहद आकर्षक बनाने की तैयारी है।

Ram Mandir Ayodhya

Ram Mandir Ayodhya:- महाराष्ट्र की लकड़ी, तमिलनाडु के कारीगर

राम मंदिर में ग्राउंड फ्लोर का काम लगभग पूरा हो चुका है, और अब मंदिर के दरवाजे तैयार किये जा रहे हैं। राम मंदिर के भूतल के 14 खूबसूरत घुमावदार दरवाजों को महाराष्ट्र से आई सागौन की लकड़ी से तैयार किया गया है और उन पर तांबे की परत चढ़ाई जा रही है जिसके बाद इन्हें स्वर्ण जड़ित किया जाना है. जो मजदूर इस काम में लगे हैं वह हैदराबाद स्थित कंपनी के हैं और कन्याकुमारी तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं।

Ram Mandir Ayodhya:- स्वर्ण जड़ित होंगे दरवाज़े

राम मंदिर के दरवाजों की विशेषता की बात करें, तो सोने से जड़ित और सुंदर नक्काशीदार डिजाइन इसका मुख्य आकर्षण होगा। दरवाजों की तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली भेजा गया है, जहां इन पर तांबे का पानी चढ़ाया जायेगा, और स्वर्ण जड़ित बनाया जायेगा। आपको बता दें कि इन दरवाजों पर वैभव के प्रतीक गज, खूबसूरत विष्णु कमल और स्वागत की प्रणाम मुद्रा में देवी का चित्र अंकित किया गया है।

Ram Mandir Ayodhya

चारों दरवाजे एक दूसरे से अलग डिजाइन के हैं जिन्हें हैदराबाद की एक कंपनी ने डिजाइन किया है। गर्भ गृह के दरवाजे की ऊंचाई 8 फीट है और दरवाजे की चौड़ाई 12 फीट है और अन्य दरवाजे की ऊंचाई केवल 8 फीट है और दरवाज़े की चौड़ाई एक दूसरे से अलग है जो 12 फीट से कम है। आवश्यकता पड़ने पर दरवाजा आधा बंद या पूरा खोला जा सकता है।

नागर शैली में बन रहा है Ram Mandir Ayodhya 

राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया जा रहा है जो कि उत्तर भारत की महत्वपूर्ण वास्तु शैली है। मंदिर में प्रवेश के लिए सभी दिशाओं में चार अलग-अलग गेट बनाए गए हैं। सभी द्वार पर भारतीय संस्कृति की झांकियों को भी दर्शाया जायेगा। इसके अलावा दीवारों और छत पर भी बारीक नक्काशी की गई है। भक्तों को इस मंदिर में भारतीय स्थापत्य और वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण देखने को मिलेगा।

इसके अलावा, मंदिर परिसर में मेडिटेशन हॉल, प्रार्थना सेंटर जैसी जगहें भी हैं। इसके अलावा मंदिर में प्रदर्शनी, धर्मशाला, मंदिर के कर्मचारियों के रहने के लिए घर, राम भगवान पर रिसर्च और साहित्य के लिए लाइब्रेरी भी बनाने की योजना है। आपको बता दें कि नागर शैली के मंदिरों में लोहे व सीमेंट का प्रयोग नहीं किया जाता है। इस शैली में देश के कई सुप्रसिद्ध मंदिर बनाये गये हैं।

ज्योतिष के अनुसार, सभी मांगलिक कार्य अच्छे नक्षत्रों को देखकर किए जाते हैं, उन्हीं नक्षत्रों में से एक मृगशीर्ष नक्षत्र। 22 जनवरी 2024 की दोपहर 12 बजे से मृगशीर्ष नक्षत्र रहेगा, जिसे बहुत शुभ माना गया है। मृगशीर्ष नक्षत्र के चलते रामलला को विराजित करने का यह मुहूर्त सर्वोत्कृष्ट मुहूर्त रहेगा। ज्योतिष की मानें तो मृगशीर्ष नक्षत्र को कृषि कार्य, व्यापार, विदेश यात्रा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि भारत कृषि प्रधान देश है, ऐसे में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा इस शुभ मुहूर्त में करने से राष्ट्र का कल्याण होगा और वह निरंतर प्रगति करेगा।

तो ये थी भव्य राम मंदिर के लिए तैयार किए जाने वाले स्वर्ण जड़ित दरवाज़ों से जुड़ी जानकारी। हमारी कामना है कि आपको भी मर्यादा पुरुषोत्तम के इस दिव्य धाम के दर्शन का सौभाग्य मिले।

करें प्रभु श्री राम का स्वागत अयोध्या में 22 जनवरी को अपने नाम से जलाएं दीपक इस तरह की अन्य जानकारियों को जानने के लिए जुड़े रहें धार्मिक सुविचार के साथ।

अयोध्या राम मंदिर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी Read more ↘️

1 thought on “Ram Mandir Ayodhya:- जानिए राम मंदिर के द्वार की विशेषताएं”

Leave a Comment